उत्तर प्रदेश सरकार ने अग्निवीरों के लिए बड़ा फैसला, भर्ती में अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण

लखनऊ
उत्तर प्रदेश सरकार ने अग्निवीरों के लिए बड़ा फैसला लिया है। यूपी पुलिस और पीएसी की भर्ती में 20 प्रतिशत का आरक्षण की व्यवस्था की गई है। मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि भारत सरकार द्वारा अग्निपथ योजना शुरू की गई है, जो देशभक्त और प्रेरित युवाओं को सशस्त्र बलों (भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना) में सेवा करने का अवसर देती है। इसके तहत अग्निवीरों का पहला बैच 2026 में सेवा से बाहर आएगा, जिसमें 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा और 75 प्रतिशत अग्निवीर सशक्त और कार्यकुशल होकर समाज की मुख्यधारा में पुनः शामिल होंगे।

ये भी पढ़ें :  मध्य प्रदेश में 3 वर्षों में 37.5 फीसदी मदरसे हुए बंद, क्या हैं इसकी वजहें?

पूर्व अग्निवीरों की भर्ती के लिए रिक्तियों के आरक्षण के संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी, पीएसी, आरक्षी घुड़सवार एवं फायरमैन की सीधी भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को (4 साल की सेवा के पश्चात) 20 प्रतिशत पद को आरक्षित रखते हुए क्षैतिज आरक्षण प्रदान किए जाने का प्रस्ताव है। भूतपूर्व सैनिक की तरह अग्निवीर के रूप में की गई सेवा अवधि को घटाते हुए अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी।

ये भी पढ़ें :  उत्तरप्रदेश-मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में की महाकुम्भ-2025 की तैयारियों की समीक्षा, प्रधानमंत्री के ’सुरक्षित महाकुम्भ’ की परिकल्पना के आवश्यक प्रबन्ध करें

इसके अलावा उत्तर प्रदेश में अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी। इसके तहत जो राशन की दुकानें गली या संकरी सड़कों पर हैं, उनके लिए ऐसी जगह भवन बनेगा, जहां आसानी से ट्रक जा सके। नए भवन में गोदाम और वितरण स्थल दोनों होंगे। इसके लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इन्हें मनरेगा से बनाया जाएगा। जिलों में अन्नपूर्णा भवन का निर्माण होगा।

ये भी पढ़ें :  प्रयागराज महाकुंभ खत्म होने के बाद एक शख्स ने रेलवे विभाग पर लापारवाही का आरोप लगाया और 50 लाख मुआवजा मांगा

इसके साथ ही, इन भवनों के अनुरक्षण की व्यवस्था का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश होम स्टे नीति को मंजूरी मिली। इसके तहत धार्मिक स्थलों में होम स्टे का प्रावधान तैयार किया जाएगा। एक कमरे से लेकर छह कमरे तक (अधिकतम 12 बेड) की व्यवस्था हो सकेगी। श्रद्धालुओं को एक साथ सात दिन तक रुकने की व्यवस्था मिलेगी।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment